जागो भारत - तुम्हे करना है विश्व नेतृत्व
स्वामी जी का कथन एवं परिकल्पना है कि भविष्य का विश्वगुरु भारत ही होगा। रूपांतरण का मानना है कि विचार क्रांति के बिना यह संभव नहीं है।
पिछले कुछ दशक से ऐसा देखने में आ रहा है कि भौतिकवाद के बढ़ने से समाज में नकारात्मक ऊर्जा एवं विचारों का प्रभाव पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ता जा रहा है एवं नैतिक मूल्यों में भी लगातार गिरावट आ रही है। इसी नकारात्मक माहोल को पार करके आज के युवा को इस समाज में अपनी जगह बनानी है। स्वामी विवेकानंद के अनुसार अध्यात्म के माध्यम से ही नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित किया जा सकता है।
भारत को युवाओं का देश माना जाता है। स्वामी जी युवाओं के आदर्श माने जाते हैं। स्वामी विवेकानंद जयंती को युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए रूपांतरण ने युवा दिवस पर छात्र-छात्राओं के लिए यह प्रतियोगिता की शुरुवात की।
रूपांतरण का कार्य ही नकारात्मक को सकारात्मक स्वरुप में प्रदान करना है। यही रूपांतरण की स्थापना का उद्देश्य भी रहा है। आज का युवा आसानी के मार्ग में न भटक जाये और अपने आप को खो न दे, इसीलिए उसके भीतर जो हमारी संस्कृति के आदर्श हैं, उन के विचारों पर चिंतन-मनन होता रहना आवश्यक है।
रूपांतरण का मानना है कि विचारों में एक बहुत बड़ी शक्ति होती है। जब हम एक विषय पर चिंतन-मनन कर, उस दिशा में आगे बढेंगे, तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। उसी दिशा में रूपांतरण एक छोटा सा प्रयास निरंतर कर रही है। रूपांतरण ने इस सकारात्मक सोच को फ़ैलाने हेतू वर्ष 2011 से अन्तर्विद्यालय वाद-विवाद एवं निबंध लेखन / प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता आरम्भ की।
विगत वर्षों के विषय इस प्रकार हैं:
2011 - मानव पृथ्वी पर वरदान या अभिशाप।
2012 - सफलता की पहचान - संतोष, सुख और शांति है; पद, प्रतिष्ठा और पैसा नहीं।
2013 - युवा पीढ़ी का अपने लक्ष्य से भटकने का कारण वर्तमान सामाजिक व्यवस्था है/नहीं है।
2014 - वर्तमान समस्याओं का समाधान भारत की आध्यात्मिक शक्ति से ही हो सकता है।
2015 - स्वच्छ भारत अभियान - मेरा योगदान, एक कार्ययोजना
इस वर्ष (2017) का विषय है “स्वामी विवेकानंद जी के किसी एक बोध वाक्य का मेरे जीवन में महत्त्व”। स्वामी जी के बोध वाक्यों ने युवाओं का मार्ग प्रशस्त किया है और बहुत से युवाओं ने उनके लेख से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को एक नयी दिशा प्रदान की है। और आज भी हम में से बहुत से लोग उनके लेख से प्रेरणा ले रहे हैं।
और वहीँ, हम में से बहुत से लोगों ने शायद नहीं भी पढ़ा है। तो आईये, उनको पढ़ें और अपने मन, बुद्धि और आत्मा को छूने वाले किसी एक बोध वाक्य का चयन कर, उस पर चिंतन-मनन कर, उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें तथा अपने जीवन को एक नयी दिशा, एक नयी ऊँचाई प्रदान करे।