हम मानते हैं युवा सबसे श्रेष्ठ हैं। बात चाहे राष्ट्र निर्माण की हो या समाज की, बिना युवाओं के योगदान के सब असम्भव है।
हम इतिहास को खंगाले तो पाते है, की देश धर्म या समाज के अस्तित्व पर जब भी कोई भी ख़तरा उत्पन्न हुआ तो युवाओं ने उसे समाप्त करने के लिए अपना अतुल्य योगदान दिया है।
कभी हम सम्राट अशोक के रूप में पैदा हुए, तो कभी महाराणा प्रताप बन कर, कभी भगतसिंह के रूप में पैदा हुए, तो कभी ऊधम सिंह बन कर, परन्तु हमने हर रूप में अपने देश धर्म समाज की की पूरी रक्षा की।
आज मैं अपने स्वामी विवेकानन्द, चन्द्रशेखर आज़ाद, भगतसिंह जैसे नौजवान साथियों को एकजुट होने के लिए आहान करता हूँ।
आज राष्ट्र को आपकी ज़रूरत है, हमारी माँ -बहनों की इज़्ज़त, हमारे छोटे भाई बहनों का भविष्य ख़तरे में है, देश पूँजीपतियों के हाथ की कटपूतली बनता जा रहा है।
राजनैतिक दलों में बड़े व्यापारी घरानों का बढ़ता हस्तक्षेप क़ानून एवम् माननीय न्यायालय की गरिमा के लिए बहुत बड़ा ख़तरा बनता जा रहा है।
YUVA-Youth for Unique and Visionary Action के माध्यम से हम समाज में लोगों के बीच जाकर, व्यक्तिगततौर उनकी सहायता करेंगे।
जनता को सरकार की योजनाएँ, उनके मूल अधिकार, राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों के बारे में अवगत कराएँगे। हम न्यायालय एवम् समाज के बीच समन्वय स्थापित करेंगे।
व्यापारियों से हम उनकी "कॉर्प्रॉट सामाजिक ज़िम्मेदारी (Corporate Social Responsibility)" के बारे में सीधा जवाब-तलब करेंगे, और ज़रूरत पड़ी तो क़ानून की भी सहायता लेंगे।