चंचल मन को नियंत्रित करने के लिए दो उपाय हैं -अभ्यास और वैराग्य। गृहस्थ जीवन जीते हुए वैरागी तो बन नहीं सकतेअतः अभ्यास करना होगा उसके लिये योग आवश्यक है। अब आता है मानव शरीर :-आठ चक्र नौ द्वार ,दिव्य शक्तियों का भंडार,वेदों के अनुसार देवताओं की नगरी,मानव अनुसार व्याधियों का घर, समस्त कर्मों का मूल कारण। शरीर के तीन भाग हैं -स्थूल ,सूक्ष्म और कारण।स्थूल शरीर -अन्नमय कोष, सूक्ष्म शरीर-प्राणमय ,मनोमय,एवं विज्ञानमय कोष,कारण शरीर -आनंदमय कोष।