"सूरज विहार"
सरदारशहर - धोरों की धरा पर बसा एक विकासशील शहर...
जहाँ के लोगों ने अपने कौशल से हिन्दुस्तान के कौने कौने में अपनी पहचान बनायी है, चाहे कहीं पर व्यापार किया परन्तु अपने देस से मोह कभी नहीं छोड़ा....
विगत कुछ वर्षों में शहर का विकास निरंतर बढ़ता जा रहा है और शहर में आवासीय क्षेत्र के विकास में भी काफी काम हुआ है....
परन्तु व्यवस्थित विकास जैसा की होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ.... शहर में नयी कॉलोनी आबाद हुयी.... कुछ को छोड़ कर ज्यादातर में आधारभूत सुविधाएँ नहीं मिली....
परन्तु "सूरज विहार" के विकास में कुछ अलग बात है....
दूरदर्शी श्री बहादुर सिंह जी शेखावत ने जिस प्रकार शहर में व्यवस्थित कोलोनाइजिन्ग की शुरुआत बहादुर सिंह कॉलोनी के माध्यम से 30-32 साल पहले करदी थी, उसी प्रकार उनके पुत्र जितेन्द्र सिंह शेखावत ने भी "सूरज विहार" कॉलोनी के विकास का सपना देखा है....
"सूरज विहार" की ख़ास बात ये है कि यह अत्यंत ऊंचाई पर रमणीय क्षेत्र में स्थित है जहाँ शहर आबादी के अत्यंत नजदीक रह कर भी प्राकृतिक माहौल का आनंद लिया जा सकता है....
यह वैधानिक रूप से आवासीय उपयोग हेतु भू-रूपांतरित कॉलोनी है...
समतलीकरण किया जा चूका है...
किसी भी क्षेत्र में सड़कों की चौड़ाई महत्वपूर्ण होती है, इस कॉलोनी में 50, 40 व 30 फीट चौड़ी सड़कें रखी गयी है...
पेयजल की समुचित व्यवस्था हेतु 550 फीट गहरा बोरवेल तैयार किया गया है...
समुचित विधुत व्यवस्था हेतु हर सड़क पर विधुत लाइन डाली गयी है...
पर्यावरण को ध्यान रखते हुए कॉलोनी में करीब 600 छायादार पौधे लगाये जा चुके है....
सार्वजनिक क्षेत्र में रौशनी हेतु 40 फीट ऊँची high mast light लगाई गयी है...