संत श्री आशाराम जी आश्रम केराकत के शिवपुरी परिक्षेत्र में आदि गंगा गोमती के तट पर स्थित है। यह परिक्षेत्र चौरासी कोस की परिक्रमा के अंतर्गत आता है जो मारकण्डेय महादेव कैथी से शुरू होकर गोमतेश्वर महादेव केराकत त्रिलोचन महादेव से रामेश्वर महादेव से होते हुए काशी में विद्द्यमान काशी विश्वनाथ महादेव पर समाप्त होती है। इन पांच महादेवों के बीच में महान तपस्वियों की तपस्थली रही है जो केराकत क्षेत्र के बेहद करीब है। जैसे महर्षि जमद्ग्नी रिषि का आश्रम पांच कि०मी० दूर जमैथा मे स्थित है। अवधूत भगवान श्री कीनाराम की तपस्थली हरिहरपुर मात्र १० कि०मी० पर स्थित है। महर्षि गोपाल दास की तपस्थली अखईपुर आश्रम ७ कि०मी० पर स्थित है तथा १२ कि०मी० दूर गोमती नदी के तट पर ग्राम कटहरी में महर्षि नालदेव एवं कुलदेव की तपस्थली यहां विद्द्यमान है। यहां से मात्र १५ कि०मी० दूर गोमती एवं सई नदी के संगम पर बटेश्वरी महादेवी का धाम तथा चण्डी धाम बीरमपुर में स्थित है। जो यहा के लोगो के धार्मिक प्रवृत्ति का द्दोतक है।परमपूज्य गुरुदेव संत श्री आशाराम बापू जी के प्रेरणा एवं आशिर्वाद स्वरुप यह आश्रम स्वयं प्राचीन में महापुरुषों की तपस्थली रही है। यह आश्रम आदि गंगा गोमती तट पर शांत सुरम्य एवं विशाल आम के बाग के बीच में स्थित है राष्ट्रीय पक्षी मोर एवं अन्य पशु पक्षी इस आश्रम की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। इस आश्रम के शांत एवं सुरम्य वातावरण में अगर कोई साधक ध्यान करने बैठता है तो अनायास ही उसका ध्यान लग जाता है .