विश्व बैंक के अनुसार ‘'ई-शासन से तात्पर्य सरकारी एजेंसियों द्वारा ऐसी सूचना प्रौद्योगिकियों (जैसे कि विस्तृत नेटवर्क क्षेत्र, इंटरनेट और मोबाइल कंप्यूटिंग) का प्रयोग है, जिससे नागरिकों, व्यापार और सरकार के अन्य विभागों के बीच संबंध स्थापित हों''। भारत सरकार ने नीति निर्धारण में नागरिकों की सहभागिता और नागरिकों को सूचना की सुगम अभिगम्यता सुनिश्चित करने हेतु शासन को रूपांतरित करने की भावना से वर्ष 2006 में राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी) लागू की। एनईजीपी की दृष्टि ‘'जनसाधारण को उसके अपने स्थान पर सामान्य सुपुर्दगी केन्द्रों के जरिए सभी सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराना और जनसाधारण की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वहनीय लागत पर ऐसी सेवाओं की कार्य-कुशलता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना'' था। ई- पंचायत, मिशन मोड परियोजना (एनएमपी) की ऐसी परियोजना है जिसका ग्रामीण भारत को सशक्त और रूपांतरित करने की दृष्टि से कार्यान्वयन किया जा रहा है।
पंचायती राज मंत्रालय ने परियोजना के प्रतिपादन के प्रथम कदम के रूप में, डा. बी. के. गैरोला, महानिदेशक, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी), भारत सरकार की अध्यक्षता में जून, 2007 में विशेषज्ञ समूह का गठन किया। विशेषज्ञ समूह को पंचायती राज मंत्रालय के सूचना प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों का मूल्यांकन करने और लागत अनुमानों सहित लागत प्रभावी समाधानों की सिफारिश करने का कार्य सौंपा गया। समिति ने परामर्शी अवधारणा अपनाते हुए राज्य सरकारों द्वारा की गई पहलों सहित, ग्राम पंचायत स्तर तक कंप्यूटरीकरण की विद्यमान स्थिति के मूल्यांकन हेतु राज्यों/संघ-शासित प्रदेशों से बातचीत की। समिति ने बुनियादी वास्तविकता के बोध के लिए चयनित ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी कुछ ग्राम पंचायतों का दौरा किया जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी कि पहल की गयी थी। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित कुछ विशेषज्ञों से भी इनपुट लिए गए। इसने सार रूप में पाया कि गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और गोवा जैसे राज्यों ने हालांकि पंचायत स्तर पर कंप्यूटरीकरण के कुछ प्रयास किए हैं किंतु ये प्रयास सीमित थे क्योंकि ये लघु अवधि लक्ष्यों के लिए बनाए गए थे और पूर्णतावादी परिप्रेक्ष्य की कमी के कारण पंचायतों को पूर्ण रूप से रूपांतरित करने में असमर्थ थे। यह महसूस किया गया कि नागरिकों के हितार्थ पंचायतों के कार्यों पर संज्ञान प्रभाव डालने हेतु अधिक विस्तृत दृष्टिकोण आवश्यक है। इन सिफारिशों ने ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना की संकल्पना का आधार बनाया।
ई-पंचायत परियोजना ग्रामीण जनता की बडी आशा है क्योंकि इसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थानों को आधुनिकता, पारदर्शिता और कार्य-कुशलता के प्रतीक के रूप में रूपांतरित करना है। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा राष्ट्रव्यापी सूचना प्रौद्योगिकी पहल में यह एक पहल है। जिसका प्रयास कार्यक्रमों के बारे में निर्णय लेने, कार्यान्वयन और सुपुर्दगी में लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करना है। परियोजना का उद्देश्य देश की 2.45 लाख पंचायतों के कार्यों का स्वचालन करना है। परियोजना में आयोजना, मानिटरन, कार्यान्वयन, बजटिंग, लेखांकन, सामाजिक लेखापरीक्षा और प्रमाण-पत्र, लाइसेंस आदि जारी करने की नागरिक सेवा सुपुर्दगी सहित पंचायतों के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है।