नमस्कार ...!
मौजूदा वक्त में अखबार निकालना और चलाना बड़ी चुनौती है। वह भी तब, जब नैतिकता और शुचिता के साथ इस दीप को प्रज्ज्वलित किया जा रहा हो। हम पहले दिन से मूल्यपरक पत्रकारिता का संकल्प ले चुके हैं।
प्रयुक्ति महज अखबार नहीं, वह महायज्ञ है। हम इसमें हिस्सा लेने के लिए आप जैसे मनीषियों का शुरू से आह्वान करते रहे हैं।
हम पत्रकारिता के इस कुरुक्षेत्र में अर्जुन बनकर खड़े हैं।
हमारी कोशिश है कि पत्रकारिता के मौजूदा परिदृश्य को बदला जा सके।
हमारा प्रयास है कि प्रयुक्ति जनसरोकारी पत्रकारिता का मानक बन सके। न्यू लुक/न्यू कांसेप्ट, न्यू मैथेड और फ्रेश फीलिंग का अहसास कराए। कुरुक्षेत्र के इस महाभारत में हम ग्लोबल जर्नलिज्म विद ह्यूमन टच में भरोसा करते हैं।
ज्ञानी वह होता है जो समस्या का समाधान कर सके। हमारी टैग लाइन सच, सोच और समाधान है। हम अपनी वचनबद्धता (कमिटमेंट) को फिर दोहरा रहे हैं। हम सपनों और शब्दों के सौदागर नहीं, हम जनता की आवाज के हरकारे हैं। प्रयुक्ति की प्राण प्रतिष्ठा में हमने यही कोशिश की है। हमारा मानना है अखबार दैवीय शक्तियां निकालती हैं।
"दूसरों की अपेक्षा, अगर आपको सफलता यदि देर से
मिले तो निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि मकान बनने
से ज्यादा समय महल बनने में लगता है।"
यह महान सोच जिस भी दार्शनिक की है, उसे हम सैल्यूट करते हैं। और यही हमारी सोच के केंद्र में है। ऐसी ऊंची सोच को मूर्तरूप देने के लिए हमने 3 P- फार्मूला पर काम किया।
P1- प्लानिंग ( हमने प्रयुक्ति की थीम और स्ट्रक्चर को प्लान किया।)
P2.प्रीपरेशन ( हमने पूरी प्रतिबद्धता के साथ अर्थपूर्ण समाचार पत्र समाज को देने का संकल्प लिया।)
P3. प्रजेंटेशन-( खूबसूरत अखबार देने की प्लानिंग की)। और सफल भी हुए...।
आप यकीन करें, प्रयुक्ति (दैनिक) ऐसा अखबार है, जो पहले दिन से यह मानकर चल रहा है कि अखबार में खबर का होना सिर्फ समस्या परोसना नहीं है। जहां खबर सिर्फ शिकायत भर नहीं होगी। प्रयुक्ति में खबर सिर्फ खबर होती है। सच के साथ होती है। समाधान के साथ होती है। हम भ्रम नहीं फैलाते। कुल मिला कर एक वाक्य में कहें तो-हम खबर में तथ्यों और विश्लेषण के साथ सच-सोच-समाधान प्रस्तुत करते हैं। हमने पहले अंक में घोषणा की थी कि प्रयुक्ति रूटीन से मुक्ति की युक्ति है। हम इस पर पहले दिन से अमल कर रहे हैं। क्योंकि
“प्रयुक्ति एक सच...
प्रयुक्ति एक सोच...
प्रयुक्ति एक समाधान...”
प्रयुक्ति- सच-सोच-समाधान है।
हम मूल्यपरक पत्रकारिता के लिए आखिरी क्षण तक संघर्ष करेंगे। हम किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, हम सिर्फ और सिर्फ समाज की अंतिम और उपेक्षित इकाई की आवाज बनकर व्यवस्था के कानों में गूंजेंगे।
टीम प्रयुक्ति
Team Prayukti