जयपुर बीकानेर NH -11 पर सीकर शहर व राज मार्ग से मात्र 3 किमी.दुरी पर स्थित पालवास गांव जहां कि जनसंख्या करीब 4500 है सीकर व पालवास मध्य राज्य की बडी शिक्षण संस्थान प्रिन्स स्कूल कि मुख्य शाखा है इसी कारण प्रिन्स स्कूल को पालवास व पालवास को प्रिन्स स्कूल के नाम से जाना जाता है NH -11 पर सीकर से पालवास होकर गुजरने वाली सडक सीधा डीडवाना को जाती है ओर यह लोसल होकर जाने की बजाय डीडवाना का सीधा रास्ता है यहां से डीडवाना की दुरी केवल केवल 60 किमी .है इसी कारण इस सडक पर यातायात ज्यादा रहता है यातायात की बात करे तो यहा पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बस सेवा भी हे तथा नीजी बसे भी हे। ओर गाँव मे निजी साधन भी सभी के पास हे।
पालवास गांव ग्राम पंचायत कंवरपुरा प.स.धोद (सीकर) के अंतर्गत आता है एवं वर्तमान मे गांव की ही श्रीमति भंवर कंवर यहां की सरपंच है सरपंच महोदया का ग्राम के विकास मे काफी योगदान रहा है राजपुत बाहुल्य इस गांव मे ब्राह्मन ,बनिये ,मेघवाल ,जागिड सहित दरोगा के लोग निवास करते है
पालवास विकसित गांवो की श्रेणी मे आता है यहां की हर गली मे सडक ,नाली व पेयजल व्यवस्था है
शिक्षा की बात करे तो गांव एक राजकीय प्राइमरी व माध्यमिक विद्यालय व एक निजी उच्च माध्यमिक विद्यालय है जहां पर अध्ययन करने वालों मे ज्यादा संख्या लडकीयों है
ओर एक डिफेंस एकेडमी भी हे।जहां पर रक्षा सेना तेयारि करने
हेतु बाहर से काफी लडके आते है
चिकित्सा की बात करे तो गाँव मे एक स्वास्थ्य केन्द्र व एक पशू चिकित्सालय भी हे। ओर ज्यादा गम्भीर स्थिति मे सीकर के कल्याण अस्पताल मे उपचार कराया जाता हे। तथा इस गाँव ने जल,थल व वायु सेना तीनों मे निरन्तर सेवा दी हे तथा यहा के लोग हर विभाग मे सेवा देते आ रहे हे। धार्मिक स्थानों की बात करे तो यहा नाथ आश्रम सबसे ज्यादा चर्चा मे रहा हे। इसके अलवा यहा गणेश जी, करणी माता, विक्की बन्ना, ठाकूर जी, बालाजी, भोम्याजी, शिव जी, ओर भी अनेक मन्दिर व धार्मिक स्थान हे। गाँव मे मन्दिरो के पास मे ही गोशाला, खेल मेदान हे। इनके विपरीत दिशा मे सर्वसमाज की श्मशान भूमी भी हे। चुनावों के समय इस गाँव का मुख्य योगदान रहता हे। इस गाँव मे आपको आरसीसी के ठेकेदार ज्यादा मिलेंगे। दूकानो की बात करे तो सभी प्रकार की दुकानें यहा हे। कँवरपूरा पंचायत मे यह सबसे बङा गाँव हे।