नेतरहाट फिल्म इंस्टीट्यूट के माध्यम से हम झारखंड से हो रहे युवा प्रतिभा पलायन को रोक कर इस युवा ऊर्जा से सामाजिक बदलाव का एक नया दौर शुरू कर सकते हैं . राज्य की नैसर्गिक सुंदरता और भौगोलिक बनावट फिल्म मेकिंग के अनुकूल होने की वज़ह से यहाँ सिनेमा इंडस्ट्री की स्थापना कर राज्य के आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास की गति को और तेज किया जा सकता है. आज के समय सिनेमा हमारे समाज का एक अभिन्न हिस्सा है और हम अपने राज्य में इसका संस्थानीकरण कर झारखंड टूरिज्म को और मजबूत कर सकते हैं और इसकी शुरूआत नेतरहाट फिल्म इंस्टीट्यूट से की जा सकती है और भविष्य में रोजगार के सुदॣढ अवसर तैयार करते हुए राज्य की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज कराई जा सकती है. आज के समय में जब सिनेमा डिजिटल हो चुका है तब हमें इस बदलते दौर को नई दिशा देनी होगी. हम सिर्फ और सिर्फ सिलेबस के पूर्ण परिवर्तन से ही सिनेमा में आ रही नैतिक गिरावट को रोक सकते हैं. मनोरंजन इंडस्ट्री में आ रही नैतिक गिरावट की जिम्मेदारी दूसरों पर न टालते हुए इस गिरावट को रोकने की जिम्मा खुद लेना होगा और इसके लिए निहायत जरूरी है कि एक नए किस्म के फिल्म मेकिंग सिलेबस को डिजाइन किया जाए, जो क्रिएटिव स्टूडेंट्स को क्लास रूम की बंद दीवारों में सिखाने के बजाय travel oriented classes पर जोर देता हो. हम अपने सिलेबस में झारखंड के प्रत्येक जिले के लिए compulsory study tour और film categories डिजाइन कर सकते हैं जो देश विदेश से आए स्टूडेंट्स के लिए ज्यादा enjoyable होगा और राज्य का हित साधने में राज्य सरकार को बल मिलेगा और मुख्य धारा से भटके युवाओं को एक सार्थक दिशा. नेतरहाट दशकों से विद्यार्थीयों के लिए शांत सुंदर सुरम्य और अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराता रहा है. नेतरहाट से ज्यादा खूबसूरत और सटीक मौसम झारखंड में दूसरी जगह नहीं है. यहाँ की शांति और ऊँचाई, आध्यात्म और वास्तविकता का वैचारिक मिलन करवाती है. पूरी दुनियाँ से आए फिल्म मेकर्स के लिए यहाँ बेहतरीन माहौल है, जहाँ हम क्रिएटिव तरीके से अपेक्षाकृत बहुत ही कम संसाधनों में विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान स्थापित कर सकते हैं; जो कि नेतरहाट आवासीय स्कूल के रूप में पहले भी साबित हो चुका है.