महाभारत के युद्ध में पांडव भीम के पोत्र और घतोच्काच के पुत्र वीर बर्बरीक ने धर्म की रक्षा के लिए श्री कृष्णा को शीश दान में दिया... यदि वो शीश दान नही करते तो आज कोरवो की जीत और पांडवो की हार होती और धाम की जगह अधर्म जीत जाता .....अपनी माँ मोर्वी से बर्बरीक जी ने वादा किया था की वो हारे का साथ देंगे और उन्हें इसी कारणवश कोरवो का साथ देना पड़ता .... इसलिए भगवान कृष्णा ने उनसे शीश दान माँग लिया और इसके बदले उन्हें एस कलिवुग में श्याम नाम से पूजे जाने का वरदान दे दिया जिनका प्रसिद मंदिर आज खाटू धाम में है
जय श्री मोर्विनंदन श्याम
सभी श्याम भक्तो को प्यार भरा नमस्कार ...
यह ग्रुप महर्षि वेदव्यास जी द्वारा लिखित 'स्कान्द्पुरण ' पर आधारित है जिन्होंने 'महाभारत ' की भी रचना की थी
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