जब चारों तरफ रोग एवं दोष (विकार) से पीडित मानव समाज हिंसा, अपराध, सामाजिक संघर्ष में जल रहा हो और संसाधनों (व्यवस्थाओं) के होते हुये आम मानव अभाव में जी रहा हो, तब परिस्थितियों एवं समय की पुकार पर अस्तित्व का स्वयं ‘‘कुमार संदीप आनन्द’’ के रूप में पैदा होना, इंसान और इंसानियत का रक्षक बन जाता है और ‘‘मानवता प्रथम’’ के प्रणेता ने मानव समाज से कहा- ‘‘अपनी जीवन-दिशाओं के सकारात्मक परिवर्तन कीजिए- दशा स्वयमेव परिवर्तित हो जायेगी और स्वस्थ इंसान के निर्माण के लिये ‘‘शांतचित-क्रियाशील जीवन’’ का सूत्र दिया जिसको आत्मसात करने के लिये 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार ‘‘परिवर्तन क्रिया’’ जिसको कुमार संदीप आनन्द ने अपने प्राणों से अनुभव एवं अनुसंधान के प्रयोग-परिणाम-प्रमाणों के साथ मानव समाज को समर्पित किया। जिससे मनुष्य आन्तरिक शाश्वत आनन्द एवं शांति के साथ सांसारिक भौतिक ऊँचाईयों को प्राप्त कर सकता है।
कुमार संदीप-आनन्द जी के वर्षों की तपस्या, गहन अध्ययन, शोध एवं अनुभव को समर्पित करने हेतु इस धरा पर एक संगठन ‘‘दिशा परिवर्तन चेरिटेबल ट्रस्ट’’ का उदय राजस्थान के अलवर जिले में 27 नवम्बर 2014 को हुआ। जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर 2014000238 है।