उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡
http://hi.wikipedia.org/s/jv
मà¥à¤•à¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤•à¥‹à¤¶ विकिपीडिया से
यह à¤à¤• निरà¥à¤µà¤¾à¤šà¤¿à¤¤ लेख है। अधिक जानकारी के लिठकà¥à¤²à¤¿à¤• करें।
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡
— राजà¥à¤¯ —
Map of उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मानचितà¥à¤° पर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड अंकित
Location of उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡
देहरादून
समय मंडल: आईà¤à¤¸à¤Ÿà¥€ (यूटीसी+५:३०)
देश Flag of India.svg à¤à¤¾à¤°à¤¤
ज़िला १३
' ९ नवमà¥à¤¬à¤° २०००
राजधानी देहरादून
सबसे बड़ा नगर देहरादून
राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤²
मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ हरीश रावत
विधान सà¤à¤¾ (सीटें) à¤à¤•à¤¸à¤¦à¤¨à¥€à¤¯ (à¥à¥§â€¡)
जनसंखà¥à¤¯à¤¾
• घनतà¥à¤µ 10116752[1] (१९वां)
• 189 /किमी2 (490 /वरà¥à¤— मील)
साकà¥à¤·à¤°à¤¤à¤¾ ८०%
आधिकारिक à¤à¤¾à¤·à¤¾(à¤à¤) हिनà¥à¤¦à¥€, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤[2]
कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² 53,566 km² (20,682 sq mi) (१८वां)
ISO 3166-2 IN-UL
आधिकारिक जालसà¥à¤¥à¤²: ua.nic.in
पाद-टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤[दिखाà¤à¤]
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजचिनà¥à¤¹
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजचिनà¥à¤¹
निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¾à¤‚क: 30.33°N 78.06°E
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ (पूरà¥à¤µ नाम उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤žà¥à¤šà¤²), उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• राजà¥à¤¯ है जिसका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ ९ नवमà¥à¤¬à¤° २००० को कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ [3] à¤à¤¾à¤°à¤¤ गणराजà¥à¤¯ के सतà¥à¤¤à¤¾à¤‡à¤¸à¤µà¥‡à¤‚ राजà¥à¤¯ के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤žà¥à¤šà¤² के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००ॠमें सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ राजà¥à¤¯ का आधिकारिक नाम बदलकर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ कर दिया गया।[4] राजà¥à¤¯ की सीमाà¤à¤ उतà¥à¤¤à¤° में तिबà¥à¤¬à¤¤ और पूरà¥à¤µ में नेपाल से लगी हैं। पशà¥à¤šà¤¿à¤® में हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ इसकी सीमा से लगे राजà¥à¤¯ हैं। सन २००० में अपने गठन से पूरà¥à¤µ यह उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का à¤à¤• à¤à¤¾à¤— था। पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ और पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯ में इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का उलà¥à¤²à¥‡à¤– उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के रूप में किया गया है। हिनà¥à¤¦à¥€ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का अरà¥à¤¥ उतà¥à¤¤à¤°à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° या à¤à¤¾à¤— होता है। राजà¥à¤¯ में हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® की पवितà¥à¤°à¤¤à¤® और à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमà¥à¤¨à¤¾ के उदà¥à¤—म सà¥à¤¥à¤² कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ गंगोतà¥à¤°à¥€ और यमà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€ तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के कई महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ तीरà¥à¤¥à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ हैं।
देहरादून, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की अनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤® राजधानी होने के साथ इस राजà¥à¤¯ का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक à¤à¤• छोटे से कसà¥à¤¬à¥‡ को इसकी à¤à¥Œà¤—ोलिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को देखते हà¥à¤ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की राजधानी के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया गया है किनà¥à¤¤à¥ विवादों और संसाधनों के अà¤à¤¾à¤µ के चलते अà¤à¥€ à¤à¥€ देहरादून असà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ राजधानी बना हà¥à¤† है।[5][6] राजà¥à¤¯ का उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ नैनीताल में है।
राजà¥à¤¯ सरकार ने हाल ही में हसà¥à¤¤à¤¶à¤¿à¤²à¥à¤ª और हथकरघा उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों को बढ़ावा देने के लिये कà¥à¤› पहल की हैं। साथ ही बढ़ते परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° तथा उचà¥à¤š तकनीकी वाले उदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ देने के लिठआकरà¥à¤·à¤• कर योजनायें पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की हैं। राजà¥à¤¯ में कà¥à¤› विवादासà¥à¤ªà¤¦ किनà¥à¤¤à¥ वृहत बाà¤à¤§ परियोजनाà¤à¤ à¤à¥€ हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाà¤à¤ à¤à¥€ की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है à¤à¤¾à¤—ीरथी-à¤à¥€à¤²à¤¾à¤‚गना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाà¤à¤§ परियोजना। इस परियोजना की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ १९५३ मे की गई थी और यह अनà¥à¤¤à¤¤à¤ƒ २००ॠमें बनकर तैयार हà¥à¤†à¥¤ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, चिपको आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के जनà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ के नाम से à¤à¥€ जाना जाता है।[7]
अनà¥à¤•à¥à¤°à¤® [छà¥à¤ªà¤¾à¤à¤]
1 इतिहास
2 à¤à¥‚गोल
2.1 उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की नदियाà¤
2.2 हिमशिखर
2.3 हिमनद
2.4 à¤à¥€à¤²à¥‡à¤‚
2.5 दरà¥à¤°à¥‡
2.6 मौसम
3 सरकार और राजनीति
3.1 मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€
3.2 राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤²
4 मणà¥à¤¡à¤² और जिले
5 जनसांखà¥à¤¯à¤¿à¤•à¥€
6 पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नगर
7 अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾
8 परिवहन
8.1 हवाई अडà¥à¤¡à¥‡
8.2 रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨
8.3 बस अडà¥à¤¡à¥‡
9 परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨
9.1 परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ सà¥à¤¥à¤²
10 शिकà¥à¤·à¤¾
10.1 विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯
11 संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿
11.1 रहन-सहन
11.2 तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°
11.3 खानपान
11.4 वेशà¤à¥‚षा
11.5 लोक कलाà¤à¤
11.6 उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡à¥€ सिनेमा
12 उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ तीवà¥à¤°-तथà¥à¤¯
12.1 राजनैतिक तथà¥à¤¯
12.2 धारà¥à¤®à¤¿à¤• तथà¥à¤¯
13 यह à¤à¥€ देखें
14 सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤
15 विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ पठन
16 बाहरी कड़ियाà¤
इतिहास
मà¥à¤–à¥à¤¯ लेख : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का इतिहास
यह à¤à¥€ पढ़ें: उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨, रामपà¥à¤° तिराहा गोली काणà¥à¤¡, शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र, गढ़वाल का इतिहास
सà¥à¤•à¤¨à¥à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤£ में हिमालय को पाà¤à¤š à¤à¥Œà¤—ोलिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में विà¤à¤•à¥à¤¤ किया गया है:-
खणà¥à¤¡à¤¾à¤ƒ पञà¥à¤š हिमालयसà¥à¤¯ कथिताः नैपालकूमाà¤à¤šà¤‚लौ।
केदारोऽथ जालनà¥à¤§à¤°à¥‹à¤½à¤¥ रूचिर काशà¥à¤®à¥€à¤° संजà¥à¤žà¥‹à¤½à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤ƒà¥¥
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ हिमालय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में नेपाल, कà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤‚चल (कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤) , केदारखणà¥à¤¡ (गढ़वाल), जालनà¥à¤§à¤° (हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶), और सà¥à¤°à¤®à¥à¤¯ कशà¥à¤®à¥€à¤° पाà¤à¤š खणà¥à¤¡ है।[8]
à¤à¤• शिलाशिलà¥à¤ª जिसमें महाराज à¤à¤—ीरथ को अपने ६०,००० पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठपशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª करते दिखाया गया है।
पौराणिक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में कà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤‚चल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° मानसखणà¥à¤¡ के नाम से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤µ था। पौराणिक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में उतà¥à¤¤à¤°à¥€ हिमालय में सिदà¥à¤§ गनà¥à¤§à¤°à¥à¤µ, यकà¥à¤·, किनà¥à¤¨à¤° जातियों की सृषà¥à¤Ÿà¤¿ और इस सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का राजा कà¥à¤¬à¥‡à¤° बताया गया हैं। कà¥à¤¬à¥‡à¤° की राजधानी अलकापà¥à¤°à¥€ (बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ से ऊपर) बताई जाती है। पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राजा कà¥à¤¬à¥‡à¤° के राजà¥à¤¯ में आशà¥à¤°à¤® में ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿ तप व साधना करते थे। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼ इतिहासकारों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हà¥à¤£, सकास, नाग, खश आदि जातियाठà¤à¥€ हिमालय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में निवास करती थी। पौराणिक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में केदार खणà¥à¤¡ व मानस खणà¥à¤¡ के नाम से इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• उलà¥à¤²à¥‡à¤– है। इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को देव-à¤à¥‚मि व तपोà¤à¥‚मि माना गया है।
मानस खणà¥à¤¡ का कà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤‚चल व कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ नाम चनà¥à¤¦ राजाओं के शासन काल में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ कà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤‚चल पर चनà¥à¤¦ राजाओं का शासन कतà¥à¤¯à¥‚रियों के बाद पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होकर सन १à¥à¥¯à¥¦ तक रहा। सन १à¥à¥¯à¥¦ में नेपाल की गोरखा सेना ने कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ पर आकà¥à¤°à¤®à¤£ कर कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ राजà¥à¤¯ को अपने आधीन कर लिया। गोरखाओं का कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ पर सन १à¥à¥¯à¥¦ से १८१५ तक शासन रहा। सन १८१५ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤‚जो से अनà¥à¤¤à¤¿à¤® बार परासà¥à¤¤ होने के उपरानà¥à¤¤ गोरखा सेना नेपाल वापस चली गई किनà¥à¤¤à¥ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ का शासन चनà¥à¤¦ राजाओं को न देकर ईसà¥à¤Ÿ इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ के अधीन कर दिया। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ पर अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ का शासन १८१५ से आरमà¥à¤ हà¥à¤†à¥¤
संयà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤‚त का à¤à¤¾à¤— उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, १९०३
à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• विवरणों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° केदार खणà¥à¤¡ कई गढ़ों (किले) में विà¤à¤•à¥à¤¤ था। इन गढ़ों के अलग-अलग राजा थे जिनका अपना-अपना आधिपतà¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° था। इतिहासकारों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पà¤à¤µà¤¾à¤° वंश के राजा ने इन गढ़ों को अपने अधीनकर à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ गढ़वाल राजà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की और शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र को अपनी राजधानी बनाया। केदार खणà¥à¤¡ का गढ़वाल नाम तà¤à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ सन १८०३ में नेपाल की गोरखा सेना ने गढ़वाल राजà¥à¤¯ पर आकà¥à¤°à¤®à¤£ कर अपने अधीन कर लिया। यह आकà¥à¤°à¤®à¤£ लोकजन में गोरखाली के नाम से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। महाराजा गढ़वाल ने नेपाल की गोरखा सेना के अधिपतà¥à¤¯ से राजà¥à¤¯ को मà¥à¤•à¥à¤¤ कराने के लिठअंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ से सहायता मांगी। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼ सेना ने नेपाल की गोरखा सेना को देहरादून के समीप सन १८१५ में अनà¥à¤¤à¤¿à¤® रूप से परासà¥à¤¤ कर दिया। किनà¥à¤¤à¥ गढ़वाल के ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ महाराजा दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यà¥à¤¦à¥à¤§ वà¥à¤¯à¤¯ की निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ धनराशि का à¤à¥à¤—तान करने में असमरà¥à¤¥à¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करने के कारण अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ गढ़वाल राजà¥à¤¯ राजा गढ़वाल को न सौंप कर अलकननà¥à¤¦à¤¾-मनà¥à¤¦à¤¾à¤•à¤¿à¤¨à¥€ के पूरà¥à¤µ का à¤à¤¾à¤— ईसà¥à¤Ÿ इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ के शासन में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ कर गढ़वाल के महाराजा को केवल टिहरी जिले (वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€ सहित) का à¤à¥‚-à¤à¤¾à¤— वापस किया। गढ़वाल के ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ महाराजा सà¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ शाह ने २८ दिसंबर १८१५ को[9] टिहरी नाम के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जो à¤à¤¾à¤—ीरथी और à¤à¤¿à¤²à¤‚गना नदियों के संगम पर छोटा सा गाà¤à¤µ था, अपनी राजधानी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की।[10] कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के उपरानà¥à¤¤ उनके उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ महाराजा नरेनà¥à¤¦à¥à¤° शाह ने ओड़ाथली नामक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर नरेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤—र नाम से दूसरी राजधानी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की। सन १८१५ से देहरादून व पौड़ी गढ़वाल (वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ चमोली जिला और रà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— जिले का अगसà¥à¤¤à¥à¤¯à¤®à¥à¤¨à¤¿ व ऊखीमठविकास खणà¥à¤¡ सहित) अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ के अधीन व टिहरी गढ़वाल महाराजा टिहरी के अधीन हà¥à¤†à¥¤[11][12][13]
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ गणतनà¥à¤¤à¥à¤° में टिहरी राजà¥à¤¯ का विलय अगसà¥à¤¤ १९४९ में हà¥à¤† और टिहरी को ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ संयà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ (उ.पà¥à¤°.) का à¤à¤• जिला घोषित किया गया। १९६२ के à¤à¤¾à¤°à¤¤-चीन यà¥à¤¦à¥à¤§ की पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि में सीमानà¥à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के विकास की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से सन १९६० में तीन सीमानà¥à¤¤ जिले उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€, चमोली व पिथौरागढ़ का गठन किया गया। à¤à¤• नठराजà¥à¤¯ के रà¥à¤ª में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठन के फलसà¥à¤µà¤°à¥à¤ª (उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठन अधिनियम, २०००) उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ ९ नवंबर २००० को हà¥à¤ˆà¥¤ इसलिठइस दिन को उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सन १९६९ तक देहरादून को छोड़कर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के सà¤à¥€ जिले कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ मणà¥à¤¡à¤² के अधीन थे। सन १९६९ में गढ़वाल मणà¥à¤¡à¤² की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की गई जिसका मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पौड़ी बनाया गया। सन १९à¥à¥« में देहरादून जिले को जो मेरठपà¥à¤°à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ था, गढ़वाल मणà¥à¤¡à¤² में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ कर लिया गया। इससे गढवाल मणà¥à¤¡à¤² में जिलों की संखà¥à¤¯à¤¾ पाà¤à¤š हो गई। कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ मणà¥à¤¡à¤² में नैनीताल, अलà¥à¤®à¥‹à¤¡à¤¼à¤¾, पिथौरागढ़, तीन जिले समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ थे। सन १९९४ में उधमसिंह नगर और सन १९९ॠमें रà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— , चमà¥à¤ªà¤¾à¤µà¤¤ व बागेशà¥à¤µà¤° जिलों का गठन होने पर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ गठन से पूरà¥à¤µ गढ़वाल और कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ मणà¥à¤¡à¤²à¥‹à¤‚ में छः-छः जिले समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ थे। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ में हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° जनपद के समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ किये जाने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ गढ़वाल मणà¥à¤¡à¤² में सात और कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ मणà¥à¤¡à¤² में छः जिले समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं। १ जनवरी २००ॠसे राजà¥à¤¯ का नाम "उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤žà¥à¤šà¤²" से बदलकर "उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡" कर दिया गया है।
à¤à¥‚गोल
मà¥à¤–à¥à¤¯ लेख : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का à¤à¥‚गोल
ननà¥à¤¦à¤¾ देवी परà¥à¤µà¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤ की दूसरी सबसे ऊà¤à¤šà¥€ चोटी
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का कà¥à¤² à¤à¥Œà¤—ोलिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² २८° ४३’ उ. से ३१°२à¥â€™ उ. और रेखांश à¥à¥Â°à¥©à¥ªâ€™ पू से ८१°०२’ पू के बीच में ५३,४८३ वरà¥à¤— किमी है, जिसमें से ४३,०३५ कि.मी.२ परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ है और à¥,४४८ कि.मी.२ मैदानी है, तथा ३४,६५१ कि.मी.२ à¤à¥‚à¤à¤¾à¤— वनाचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ है।[14] राजà¥à¤¯ का अधिकांश उतà¥à¤¤à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤— वृहदà¥à¤¤à¤° हिमालय शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला का à¤à¤¾à¤— है, जो ऊà¤à¤šà¥€ हिमालयी चोटियों और हिमनदियों से ढका हà¥à¤† है, जबकि निमà¥à¤¨ तलहटियाठसघन वनों से ढकी हà¥à¤ˆ हैं जिनका पहले अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼ लकड़ी वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ के बाद वन अनà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤•à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दोहन किया गया। हाल ही के वनीकरण के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के कारण सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ करने में सफलता मिली है। हिमालय के विशिषà¥à¤ पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤• तनà¥à¤¤à¥à¤° बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में पशà¥à¤“ं (जैसे à¤à¤¡à¤¼à¤², हिम तेंदà¥à¤†, तेंदà¥à¤†, और बाघ), पौंधो, और दà¥à¤°à¥à¤²à¤ जड़ी-बूटियों का घर है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की दो सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ नदियाठगंगा और यमà¥à¤¨à¤¾ इसी राजà¥à¤¯ में जनà¥à¤® लेतीं हैं, और मैदानी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡-२ मारà¥à¤— में बहà¥à¤¤ से तालाबों, à¤à¥€à¤²à¥‹à¤‚, हिमनदियों की पिघली बरà¥à¤« से जल गà¥à¤°à¤¹à¤£ करती हैं।
फूलों की घाटी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¤• यूनेसà¥à¤•à¥‹ विशà¥à¤µ धरोहर सà¥à¤¥à¤² है।
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, हिमालय शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला की दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ ढलान पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है, और यहाठमौसम और वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ में ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ के साथ-२ बहà¥à¤¤ परिवरà¥à¤¤à¤¨ होता है, जहाठसबसे ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ पर हिमनद से लेकर निचले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर उपोषà¥à¤£à¤•à¤Ÿà¤¿à¤¬à¤‚धीय वन हैं। सबसे ऊà¤à¤šà¥‡ उठे सà¥à¤¥à¤² हिम और पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ से ढके हà¥à¤ हैं। उनसे नीचे, ५,००० से ३,००० मीटर तक घासà¤à¥‚मि और à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¥€à¤à¥‚मि है। समशीतोषà¥à¤£ शंकà¥à¤§à¤¾à¤°à¥€ वन, पशà¥à¤šà¤¿à¤® हिमालयी उपअलà¥à¤ªà¤¾à¤‡à¤¨ शंकà¥à¤§à¤° वन, वृकà¥à¤·à¤°à¥‡à¤–ा से कà¥à¤› नीचे उगते हैं। ३,००० से २,६०० मीटर की ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ पर समशीतोषà¥à¤£ पशà¥à¤šà¤¿à¤® हिमालयी चौड़ी पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ वाले वन हैं जो २,६०० से १,५०० मीटर की उà¤à¤šà¤¾à¤ˆ पर हैं। १,५०० मीटर से नीचे हिमालयी उपोषà¥à¤£à¤•à¤Ÿà¤¿à¤¬à¤‚धीय पाइन वन हैं। उचले गंगा के मैदानों में नम पतà¤à¤¡à¤¼à¥€ वन हैं और सà¥à¤–ाने वाले तराई-दà¥à¤†à¤° सवाना और घासà¤à¥‚मि उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ से लगती हà¥à¤ˆ निचली à¤à¥‚मि को ढके हà¥à¤ है। इसे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤à¤° के नाम से जाना जाता है। निचली à¤à¥‚मि के अधिकांश à¤à¤¾à¤— को खेती के लिठसाफ़ कर दिया गया है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ इस राजà¥à¤¯ में हैं, जैसे जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ (à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨) रामनगर, नैनीताल जिले में, फूलों की घाटी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और नंदा देवी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨, चमोली जिले में हैं और दोनो मिलकर यूनेसà¥à¤•à¥‹ विशà¥à¤µ धरोहर सà¥à¤¥à¤² हैं, राजाजी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° जिले में, और गोविंद पशॠविहार और गंगोतà¥à¤°à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€ जिले में हैं।
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की नदियाà¤
मà¥à¤–à¥à¤¯ लेख : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की नदियाà¤
ऋषिकेश में गंगा नदी
इस पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की नदियाठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखती हैं। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ अनेक नदियों का उदà¥à¤—म सà¥à¤¥à¤² है। यहाठकी नदियाठसिंचाई व जल विदà¥à¤¯à¥à¤¤ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– संसाधन है। इन नदियों के किनारे अनेक धारà¥à¤®à¤¿à¤• व सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• केनà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हैं। हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की पवितà¥à¤° नदी गंगा का उदà¥à¤—म सà¥à¤¥à¤² मà¥à¤–à¥à¤¯ हिमालय की दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हैं। गंगा का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ अलकननà¥à¤¦à¤¾ व à¤à¤¾à¤—ीरथी नदियों से होता है। अलकननà¥à¤¦à¤¾ की सहायक नदी धौली, विषà¥à¤£à¥ गंगा तथा मंदाकिनी है। गंगा नदी, à¤à¤¾à¤—ीरथी के रà¥à¤ª में गौमà¥à¤– सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से २५ कि.मी. लमà¥à¤¬à¥‡ गंगोतà¥à¤°à¥€ हिमनद से निकलती है। à¤à¤¾à¤—ीरथी व अलकननà¥à¤¦à¤¾ देव पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— संगम करती है जिसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ वह गंगा के रà¥à¤ª में पहचानी जाती है। यमà¥à¤¨à¤¾ नदी का उदà¥à¤—म कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° बनà¥à¤¦à¤°à¤ªà¥‚à¤à¤› के पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ यमनोतà¥à¤°à¥€ हिमनद से है। इस नदी में होनà¥à¤¸, गिरी व आसन मà¥à¤–à¥à¤¯ सहायक हैं। राम गंगा का उदà¥à¤—म सà¥à¤¥à¤² तकलाकोट के उतà¥à¤¤à¤° पशà¥à¤šà¤¿à¤® में माकचा चà¥à¤‚ग हिमनद में मिल जाती है। सोंग नदी देहरादून के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤— में बहती हà¥à¤ˆ वीरà¤à¤¦à¥à¤° के पास गंगा नदी में मिल जाती है। इनके अलावा राजà¥à¤¯ में काली, रामगंगा, कोसी, गोमती, टोंस, धौली गंगा, गौरीगंगा, पिंडर नयार(पूरà¥à¤µ) पिंडर नयार (पशà¥à¤šà¤¿à¤®) आदि पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नदियाठहैं।[10]
हिमशिखर
हिमालयी शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला का उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡à¥€ शिखर
राजà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हिमशिखरों में गङà¥à¤—ोतà¥à¤°à¥€ (६६१४ मी.), दूनगिरि (à¥à¥¦à¥¬à¥¬), बनà¥à¤¦à¤°à¤ªà¥‚à¤à¤› (६३१५), केदारनाथ (६४९०), चौखमà¥à¤¬à¤¾ (à¥à¥§à¥©à¥®), कामेट (à¥à¥à¥«à¥¬), सतोपनà¥à¤¥ (à¥à¥¦à¥à¥«), नीलकणà¥à¤ (५६९६), ननà¥à¤¦à¤¾ देवी (à¥à¥®à¥§à¥®), गोरी परà¥à¤µà¤¤ (६२५०), हाथी परà¥à¤µà¤¤ (६à¥à¥¨à¥), नंदा धà¥à¤‚टी (६३०९), ननà¥à¤¦à¤¾ कोट (६८६१) देव वन (६८५३), माना (à¥à¥¨à¥à¥©), मृगथनी (६८५५), पंचाचूली (६९०५), गà¥à¤¨à¥€ (६१à¥à¥¯), यूंगटागट (६९४५) हैं।[10]
हिमनद
राजà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हिमनदों में गंगोतà¥à¤°à¥€, यमà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€, पिणà¥à¤¡à¤°, खतलिगं, मिलम, जौलिंकांग, सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° ढूंगा इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ आते हैं।[10]
à¤à¥€à¤²à¥‡à¤‚
राजà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– तालों व à¤à¥€à¤²à¥‹à¤‚ में गौरीकà¥à¤£à¥à¤¡, रूपकà¥à¤£à¥à¤¡, ननà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤£à¥à¤¡, डूयोढ़ी ताल, जराल ताल, शहसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾ ताल, मासर ताल, नैनीताल, à¤à¥€à¤®à¤¤à¤¾à¤², सात ताल, नौकà¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¾ ताल, सूखा ताल, शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤²à¤¾ ताल, सà¥à¤°à¤ªà¤¾ ताल, गरूड़ी ताल, हरीश ताल, लोखम ताल, पारà¥à¤µà¤¤à¥€ ताल, तड़ाग ताल (कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°) इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ आते हैं।[10]
दरà¥à¤°à¥‡
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤šà¤‚ल के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– दरà¥à¤°à¥‹à¤‚ में बरास- ५३६५ मी.,(उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€), माना - ६६०८ मी.(चमोली), नोती-५३००मी. (चमोली), बोलà¥à¤›à¤¾à¤§à¥à¤°à¤¾- ५३५३मी.,(पिथौरागड़), कà¥à¤°à¤‚गी-वà¥à¤°à¤‚गी-५५६४ मी.( पिथौरागड़), लोवेपà¥à¤°à¤¾-५५६४ मी. (पिथौरागड़), लमपà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤°à¤¾-५५५३ मी. (पिथौरागढ़), लिपà¥à¤²à¥‡à¤¶-५१२९ मी. (पिथौरागड़), उंटाबà¥à¤°à¤¾, थांगला, टà¥à¤°à¥‡à¤²à¤ªà¤¾à¤¸, मलारीपास, रालमपास, सोग चोग ला पà¥à¤²à¤¿à¤— ला, तà¥à¤¨à¤œà¥à¤¨à¤²à¤¾, मरहीला, चिरीचà¥à¤¨ दरà¥à¤°à¤¾ आते हैं।[10]
मौसम
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का मौसम दो à¤à¤¾à¤—ों में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ किया जा सकता है: परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ और कम परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ या समतलीय। उतà¥à¤¤à¤° और उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥‚रà¥à¤µ में मौसम हिमालयी उचà¥à¤š à¤à¥‚मियों का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• है, जहाठपर मॉनसून का वरà¥à¤· पर बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ है। राजà¥à¤¯ में वारà¥à¤·à¤¿à¤• औसत वरà¥à¤·à¤¾ वरà¥à¤· २००८ के आंकड़ों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° १६०६ मि.मी. हà¥à¤ˆ थी। अधिकतम तापमान पंतनगर में ४०.२ डिगà¥à¤°à¥€ से. (२००८) अंकित à¤à¤µà¤‚ नà¥à¤¯à¥‚नतम तापमान -५.४ डिगà¥à¤°à¥€ से. मà¥à¤•à¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° में अंकित है। [14]
यह à¤à¥€ देखें: उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के मौसम की जानकारी
सरकार और राजनीति
मà¥à¤–à¥à¤¯ लेख : उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की राजनीति
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ सरकार की वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² है शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मारà¥à¤—रेट अलà¥à¤µà¤¾ à¤à¤µà¤‚ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ हैं à¤à¥à¤µà¤¨ चनà¥à¤¦à¥à¤° खणà¥à¤¡à¥‚री। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ १० सितमà¥à¤¬à¤°, २०११ को डा. रमेश पोखरियाल को हटाकर नया मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ बनाया गया था।[15] राजà¥à¤¯ में अनà¥à¤¤à¤¿à¤® चà¥à¤¨à¤¾à¤µ २१ फ़रवरी, २००ॠको हà¥à¤ थे। उन चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ à¥à¥¦-सदसà¥à¤¯à¥€à¤¯ उ