भारतीय वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु पूर्ण रूप से प्राचीन विज्ञानं पर आधारित है, जिसका अस्तित्व आधुनिक विज्ञानं भी नकारने मे असमर्थ है। यह पूर्ण रूप से गणितीय गणनां , ग्रहों की आने वाली रश्मियों व अन्तरिक्षीय ऊर्जा पे आधारित है। पृथ्वी सहित सभी गृह , उपग्रह सूर्य के चारो ओर अपनी धुरी पर निश्चित गति से विचरण करते रहते है और इनसे आने वाली रश्मियों का सभी मानव जीवन पर अपने अपने जन्म गृह के अनुसार प्रभाव पड़ता रहता है।
अब प्रश्न यह उठता है की हम हमारे जीवन को सुचारु रूप से चालने हेतु किस प्रकार की एवं किस की सहायता प्राप्त करे ? अतः इस प्रकार की सहायता व उचित सलाह हेतु निच्चित ही ऐसे व्यक्ति की जरुरत होती है जिसे वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु का ज्ञान व अनुभव हो। क्योकि इस ब्रम्भाण्ड में सभी विषय एक दूसरे से जुड़े है एवं सहायता प्राप्त करने हेतु एक दूसरे के पूरक है। अतः यह ब्रम्भाण्ड का कार्य दो प्रकार की ऊर्जा से चलता है ओर यह दोनों ऊर्जा धनात्मक एव ऋनात्मक है। जिस मानव मे ऋनात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होता है वह मनुष्य हर समय अपने जीवन मे परेशान रहता है और उसे अनिश्चितता के दौर से गुजरना पड़ता है। अतः इन परिसिथतियों के दौरान जिस व्यक्ति को वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु का अच्छा ज्ञान हो, उस व्यक्ति से उचित सहायता प्राप्त करनी चाहिए, ताकि अपने जीवन मे धनात्मक ऊर्जा का संचरण कर जीवन को बेहतर बनाया जा सके। इस ब्रम्भाण्ड में सूर्य, चन्द्रमा , ग्रह एवं नक्षत्र सभी अपना संपूर्ण प्रभाव डालते है और उसी से ऊर्जा का संचरण होता है। अतः इस प्रकार वैदिक ज्योतिष व वास्तु ज्ञान सम्बन्धी परामर्श अपनी मानसिकता मे धनात्मकता का संचरण कर जीवन को सहज बनता है।
दैवज्ञा ज्योतिष वास्तु शोध संस्थान एक ऐसा संस्थान है जो पिछले 45 वर्षो के अध्यन व अनुभव के आधार पे प्रश्न कुंडली , जन्म कुंडली व वास्तुशास्त्र द्वारा ग्रह, नक्षत्र एवं वास्तु संबंधी दोषो के निवारण हेतु सेवा व सहायता प्रदान करता है।
ASTROLOGER
ओम प्रकाश सोनी
माउंट आबू (राजस्थान)
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