धार्मिक और अध्यात्मिक दृष्टीकोण से राष्ट्रीय स्तर अपर ख्याति प्राप्त पवित्र नगरी को झारखण्ड सरकार ने धार्मिक नगरी (छोटी-सिटी) घोषित किया है | मनोकामना लिंग के रूप में प्रसिद्ध बाबा वैधनाथ के दरवार में जो भी सच्चे हृदय से कमाना लेकर आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है | यही कारण है की यहाँ प्रतिवर्ष देश-विदेश से लगभग दो करोड़ तीर्थयात्री आते हैं | सिर्फ सावन में श्रद्धालुओं की संख्या पचास लाख के आसपास रहती है श्रावणी मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है | कहते हैं कि त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने पवित्र सावन के महीने में ही विहार स्थित सुल्तानगंज से गंगाजल काँवर में भरकर भगवन भोले शंकर को अर्पित किया जाता था | कहा जाता है कि श्रावण में ही समुन्द्र मंथन हुआ था और मंथन के दौरान निकले विष को विषपान कर भगवन शंकर नीलकंठ कहलाये विष के प्रभाव को कम करने के लिए शिव शंकर ने अपने माथे पर अर्धचंद्र धारण किया /