भारतीय योजनाकारों और अभियन्ताओं द्वारा दो मुख्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पहला निर्णय, भाखडा बांध की अपेक्षा पहले भाखडा नहर प्रणाली निर्मित करने का था तथा दूसरा निर्णय विदेशी विशेषज्ञों की सहायता से विभागीय रूप में बांध का निर्माण करना था। यद्यपि यू.एस.बी आर भाखडा बांध का डिजाइन सलाहकार था फिर भी इसका क्रियावयन सिंचाई विभाग के भारतीय अभियन्ताओं के हाथ में आया। अप्रैल, 1952 के पश्चात जब मि. एम. हारवे स्लोकम अमेरिका से निर्माण तकनीशियनों तथा अभियन्ताओं की अपनी टीम के साथ आए तो इसका पूर्ण रूप से सक्रिय निर्माण कार्य प्राम्भ हुआ।