नयागांव का श्री श्री 108 दक्षिणेश्वरी माँ काली मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। माँ का पवित्र मंदिर बिहार के भागलपुर जिला के सुल्तानगंज प्रखंड के नयागांव पंचायत के नयागांव ग्राम में अवस्थित है। यह मंदिर असरगंज- शाहकुंड रोड में लदौवा मोड़ से 3 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। दूर-दराज के इलाके तक यह मंदिर प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़ी कई किंवदंतियां प्रचलित हैं। करीब सौ वर्ष पुराने इस मंदिर का वर्षों बाद जीर्णोद्वार का कार्य चल रहा है। 80 के दशक में इस मंदिर की छत को पक्का करवाया गया था। 21वीं सदी में यह एक भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इस मंदिर की महिमा अपरंपार है। यहां प्रत्येक वर्ष चैत्र मास में "बेहरी' (भंडारा) का आयोजन होता है, जो चैत्र मास के अमावस्या तिथि के बाद पड़ने वाले पहले शनिवार को गांव के पंडितो के द्वारा दुर्गा सप्तसती का पाठ सुबह एवं संध्या-वंदना शाम में किया जाता है। ग्यारहवे दिन यानि मंगलवार को पाठ पढ़ने के बाद हवन होता है तथा बकरे का बलि प्रदान किया जाता है। इसी दिन को हमलोग भंडारा यानि बेहरी कहते है। भंडारे के अंतिम दिन मंगलवार को एक भव्य मेला लगता है। इस मेले में दर्जनों गांव के लोग पहुंचते हैं। मां की चरणों में मत्था टेकने के अलावा मेले का आनंद उठाते हैं। इस दौरान हजारों लोग जहां पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं, वही सैकड़ों श्रद्धालु करीब 15 किलोमीटर का रास्ता तय कर सुल्तानगंज से पैदल या वाहनों से गंगाजल लाकर श्री श्री 108 दक्षिणेश्वरी माँ काली मंदिर में जलाभिषेक करते हैं। इस मेले को देखने के लिए सगे-संबंधियों का जमघट लगता है। हर घर में दर्जनों कुटुब (रिश्तेदार) आकर भंडारे के अंतिम दिन का इंतजार करते हैं। इस मंदिर की गहिमा अपरंपार है। यह जगह सिद्धपीठ होने के कारण लोग अनेक तरह की मनोकामना लेकर माँ के दरबार में आते रहते है, और माँ सबकी मनोकामना पुर्ण भी करती है। माँ के मंदिर में सालो भर प्रत्येक शनिवार को भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। जो भी यहाँ सच्चे मन से आता है वो खाली हाथ कभी नहीँ जाता। यहाँ सच्चे मन से आने वाले के सारे पाप मिट जाते है। माँ के मंदिर मेँ सालोँ भर भक्तो कि भीड़ लगी रहती है।