Website-www.devid"> देवी धाम बसौली
सरपतहां (जौनपुर): विकास खंड के दक्षिणी-पश्चिमी सीमा पर बसौली गांव में स्थित माता धाम बसौली क्षेत्र ही नहीं अन्य अगल-बगल के जनपदों में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।
मंदिर का इतिहास लगभग दो सौ वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि आज जिस स्थान पर मंदिर है वहां पहले जंगलनुमा जमीन खाली पड़ी थी। चरवाहे वहां मवेशियों को चराया करते थे। बारिश व पशुओं के लगातार आवागमन से मिंट्टी कट कर बह जाया करती थी। इसी तरह किसी ने एक बार देखा कि जमीन में कोई पत्थर उभरा हुआ है। लोगों ने खोदाई की तो मूर्ति निकली। बस फिर क्या था ग्रामीणों ने मिल-जुलकर वहीं मंदिर का निर्माण शुरु करा दिया और धीरे-धीरे वह मंदिर देवी धाम बसौली के रूप में प्रसिद्ध हो गया। माता को लेकर ग्रामीणों की श्रद्धा अनंत है।
किंवदंती है कि गांव के ही चौहरजा सिंह नामक व्यक्ति ने सौ वर्ष पूर्व किसी कार्य के लिए मन्नत मांगी और उनका कार्य पूर्ण हुआ। लिहाजा उन्होंने वहां भव्य मंदिर का निर्माण करा दिया। वर्तमान समय में जौनपुर के अतिरिक्त सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अंबेडकर नगर से बड़ी संख्या में भक्त यहां विवाह, मुंडन संस्कार, कड़ाही चढ़ाने आते हैं। माह के हर सोमवार व शुक्रवार को जहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है वहीं नवरात्र में नौ दिनों तक मेला लगता है।