माता महाश्मशानी उग्रकालिका का यह मंदिर नगरह ग्राम (प्राचीन नाम-शुचिक्षेत्र) के उत्तर-पुर्वी कोणों पर अवस्थित है।यह मंदिर नवगछिया स्टेशन से 4-5Km उत्तर की ओर स्थित है।
यह मंदिर अनादिकालीन अर्थात् अति प्राचीन एवं अनुसंधेय भी है। यह मंदिर 52 शक्तिपीठ में से एक है। इस मंदिर के पीछे श्मशान भी है।
स्वामी आगमानंद जी के अनुसार यहाँ की भूमि जागृत है अर्थात् यहाँ सिद्धि कार्य में सफलता जल्द एवं अवश्य मिलती है।उन्होंने यहीं पर माता की कृपा प्राप्त की थी।एक बार मंदिर परिसर में स्थित एक विशाल पेड़ को कटवाने की योजना हुई परंतु माता के मनोनुकूल यह कार्य नहीं होना था इसलिए उस पेड़ में रातों रात एक चमत्कार हुआ और पेड़ में सभी देवी देवताअों के प्रतिरुप उभर आए,तब से श्रद्घालु उस पेड़ की भी पुजा करने लगे।यहाँ की एक प्रमुख विशेषता यह है कि माता कालिका की स्व स्थापित प्रतिमा हर साल चमत्कृत रूप से चार से पाँच ईंच बढ़ जाती है।