राम एक महापुरुस नहीं वल्कि पुरन व्रह्म परमात्मा है उन्हें महापुरुष मानना वहुत बड़ी बेबकूफी है क्योकि जब बो महापुरुष हो सकते है तब आज का मनुष्य महापुरुष क्यों नहीं हो सकता जब बो एक मर्यादा का आचरण करके मर्यादा पुषोत्तम बन सकते है तब आज का मनुष्य उस आचरण को क्यों नहीं धारण कर सकता इसका सीधा सा मतलब जो उन्होंने किया बो साधारण मनुष्य नहीं कर सकता जिस मर्यादा का पालन श्री राम ने किया है उस मर्यादा पालन पूर्ण विराह्म परमात्मा के आलव कोई नहीं कर सकता सीदी सी बात है की श्री राम पूर्ण विराह्म परमात्मा है महापुरुष नहीं I
राम (रामचन्द्र), प्राचीन भारत में जन्मे, एक महापुरुष थे। हिन्दू धर्म में, राम, विष्णु के १० अवतारों में से सातवें हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम, महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित, संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में लिखा गया है| उन पर तुलसीदास ने भी भक्ति काव्य श्री रामचरितमानस रचा था | खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूजनीय माने जाते हैं । रामचन्द्र हिन्दुत्ववादियों के भी आदर्श पुरुष हैं।