मंदिर बनाने के पीछे माननिए प्रदीप चौहान (पी॰ के॰ चौहान पुत्र श्री बुद्ध सिंह निवासी - मोहल्ला चौहानान किरतपुर) के बहुत ही कोमल और धार्मिक विचार है। माननिए प्रदीप चौहान हनुमान जी के बचपन से ही परम भक्त है। हनुमान जी उनके रोम रोम मे बसे है प्रदीप जी के हमेशा से ही ये कामना थी कि वे बजरंगबली के लिए कुछ उनकी आस्था में कुछ ऐसा करे कि पूरा जिला बजरंगबली के रंग मे रंग जाए और जिले का नाम रोशन हो। प्रदीप जी को 1992 मे एक बार शुक्रताल जाने का मौका मिला। अपने मन मे और दिल मे हनुमान जी कि लिए कुछ करने कि कामना लिए जब उनहो ने शुक्रताल गए तो उन्होने वह 70ft हनुमान जी कि एस्थापित प्रतिमा देखी तभी उन्होने वहा पे प्रतिज्ञा की कि वे हनुमान जी कि एससे बड़ी प्रतिमा एस्थापित करेंगे। अपने मन मे हनुमान जी कि प्रतिमा एस्थापित करने की द्रढ़ निश्चये के साथ उन्होने 06 April 1993 को श्री हरी हर मंदिर किरतपुर में प्रथम हनुमान जयंती का कार्येक्रम किया तभी उन्होंने प्रतिज्ञा की अगली बार हनुमान जयंती उसी जगह मनायेंगे जहाँ हनुमान जी की 77ft की प्रतिमा का कार्येक्रम शुरू हो जाये। बस इसी प्रतिज्ञा के साथ 03 march 1994 मे भूमि पूजन करके प्रतिमा स्थापित करने का कार्येक्रम आरंभ कर दीया। हनुमान जी की कृपया और जनता और पुलिस के सहयोग के साथ और प्रदीप जी के अपने परिवार के बलिदान और घनिस्थ मित्रो के सहयोग से प्रतिमा बनाने का कार्येक्रम प्रारम्भ हुआ। अपनी 77ft की प्रतिज्ञा को मन मे लिये प्रदीप जी ने एक दिन अखबार मे पढ़ा की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा 84ft की है। तभी उन्हों ने निश्चय किया की वे अब 77ft की वजाये 90ft की प्रतिमा बनायेंगे। प्रतिमा की स्थापना के कार्येकाल मे लगभग 2 साल मे हनुमान जी अपने परमभक्त प्रदीप जी के बहुत परीक्षाये ली, बहुत कष्ट दिये लेकिन हनुमान जी के प्रति अपने अपार प्रेम, स्नेह और भक्ति के कारण वे अपने पथ पर लगे रहे और पूरी महनत, लगन और द्रढ़निश्चय से उन्होंने जनवरी 1997 को अपनी प्रतिज्ञा पूरी की और हनुमान जी की पूरी 90ft की विश्व मे सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित की। प्रतिमा का अनावरण 22 अप्रैल 1997 दिन मंगलवार को पूरे हर्ष और उत्साह के साथ गुरु द्रोणाचर्ये पुरेषकर से सम्मानित, “श्री गुरु हनुमान” कर कमलों द्वारा हुआ। और इस अवसर पर महाबली सतपाल वे स्वर्गीये बाबू सिंह चौहान (संस्थापक, बिजनोर टाइम्स ग्रुप) और हजारो बजरंगबली के भक्त समलित हुए। जो किरतपुर व जनपद बिजनोर के इतिहास में स्वर्ड अक्षरो मे लिखा गया। तभी से ये प्रतिमा जनपद के लोगो की आस्था का केंद्र बन गयी है। प्रतिएक मंगलवार को विशेष आरती होती है जिसमे बजरंगबली के भक्त समलित होके अपने कष्टों का निवारण के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते है और प्रेत्येक वर्ष हनुमान जयन्ती का कार्यक्रम धूम धाम से मनाया जाता है तथा श्री शनि देव जयन्ती के अवसर पर विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है तथा महाशिवरात्री के अवसर पर सेकड़ों भक्त हरिद्वार से कावड से जल लाकर भगवान महाम्रत्युजंय मंदिर में चढ़ाते है। मंदिर परिषद मे भगवान श्री महा म्रत्युंजये जी व भगवान श्री शनिदेव जी के भव्य मंदिर का निर्माढ़ भी किया गया जो हनुमान जी के साथ साथ भक्तो पर अपनी असीम क्रप्या करते है।