"विघा ही वह अमूल निधि है जिसके समक्ष संसार की समस्त भौतिकता मलीन पड़ जाती है|"
हम शिक्षा के माध्यम से देश के भावी कर्णधारों में आत्म-विश्वास , कुशलता , कर्तव्य -परायणता , देश-प्रेम, पांिडत्य तथा सुसंस्कारों का आभिर्भाव करते हैं |
समाजिक परिवेश को स्वस्थ्य,शिष्ट और समुन्नत बनाने के लिया हम बेडौल पत्थर रूपी शिशुओ को तरासकर उनमे ज्ञान और संस्कार की प्राण-प्रतिष्ठा करते हुए समाज को एक सुयोग्य नागरिक समप्रित करते है|
अतः आपसे निवेदन है कि आप अपने बच्चों को नर्सरी से १२ वीं कक्षा तक प्रवेश दिलाकर हमें सेवा के अवसर प्रदान करें ,साथ ही अंग्रेज़ी माध्यम की कक्षा भी प्रारम्भ है , जो सी०बी० एस० ई० पाठ्यक्रम पर आधारित है | जिसमें आपका सहयोग आपेक्षित है |
भवदीय
आर० एल० सिंह चंदेल
(प्रधानाचार्य)