जिले का इतिहास भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा है | इनके पिता महाराजा शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु के समीप इसी है | इस जनपद का नामकरण गौतुम बुद्ध के पिता के नाम महाराजा शुद्धोधन के नाम पर महराजगंज हुआ है | महुअरी गंडक नदी और रोहणी नदी के बीच समुंद्र तल से 99 मीटर की उच्चाई पर अवस्थित बहुत ही सुन्दर गाँव है.क्षेत्रफल और जनसख्याँ दोनों में यह बड़ा है. समीप में श्रीनगर ताल है। समीप में बाजार बहादुरी, कोल्हुई है। यहाँ सभी धर्मों के लोगों का निवास है। नेपाल से निकलने वाली इन नदियों में सहायक नदियों का पानी एकत्र हो जाने से कभी-कभी इस क्षेत्र में भयंकर बाढ भी आ जाती है। हिन्दू,मुस्लिम,बौद्ध इसाई समुदाय के लोग आपसी भाईचारा और सौहार्द्य के साथ रहते है. समाज के लोगो पर आज भी अशोक के बौद्ध धर्म में दीक्षित होने का प्रभाव उनके शादी विवाह या और भी सामाजिक कार्यों में दिखाई देता है,यह अपनी तरह की एक ख़ास परम्परा है जो इस गाँव की विशेषता है.गाँव के लोग किसान है और खेती के साथ पशुपालन का भी व्यवसाय है.गाँव में शिक्षा बहुत तेजी से बढ़ी और आज यहाँ 1 प्राथमिक विद्यालय ,1 हाई स्कूल बहादुरी बाजार और 1 कान्वेंट स्कुल.गाँव में पंचायत भवन,आदि सार्वजनिक भवनों का निर्माण किया गया है.गाँव के लोगो मे शिक्षा के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जा रही है ताकि वे अपने अधिकारों से वंचित न होने पाए, लेकिन अभी भी गाँव लोग विकास की दौड़ में पीछे ही है.गाँव दिन-प्रतिदिन खुशहाली की ओर अग्रसर है और लोग के जीवन स्तर में भी सुधार की प्रगति जारी है ..
गाँव का साथ देश का विकास
महुआरी में मुख्य टोला है :- गुलरिहा २ , महुआरी २ , बहादुरपुर ,प्रसादचक्र, ठाकुरनगर,रायपुर ,जयपुर , सिघियाहवा , महमदगढ़ ,अयोध्याजोत, बानपुर