खालसा त्रिशताब्दी राजकीय महाविद्यालय की स्थापना सन् 1999 में हुई। महाविद्यालय को अपने नाम के साथ ‘खालसा त्रिशताब्दी’ जुड़ने पर गर्व है क्योंकि इसकी स्थापना खालसा पंथ की 300वीं वर्षगाँठ के पावन अवसर पर की गई थी ।
स्थानीय एवं क्षेत्रीय जनता की उच्चतर शिक्षा सम्बन्धी मांग को पूरा करने के लिए रतिया में गुरू नानक शिक्षा सोसायटी की स्थापना की गई तथा शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी की स्थानीय इकाई ने कॉलेज निर्माण हेतु 10 एकड़ भूमि दान की । इस भूमि पर तत्काल ही गुरू नानक शिक्षा समिति ने स्थानीय लोगों से चंदा इकट्ठा करके कॉलेज भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया । समिति के अथक प्रयासों से तत्कालीन हरियाणा सरकार ने खालसा स्थापना दिवस की त्रिशताब्दी के शुभ अवसर पर इस महाविद्यालय का नियन्त्राण अपने हाथों में ले लिया और इस प्रकार ‘‘खालसा त्रिशताब्दी राजकीय महाविद्यालय’’ अपने वर्तमान अस्तित्व में आया । रतिया उपखण्ड के लगभग 100 गांवों के मध्य में स्थित होने के कारण यह महाविद्यालय उच्चतर शिक्षा के क्षेत्रा में पूरे इलाके के लिए वरदान साबित हो रहा है । सस्ती और योग्यपरक शिक्षा प्रदान कर अपने छात्रा-छात्राओं को सुयोग्य एवं कत्र्तव्यपरायण नागरिकों के रूप में विकसित करना ही महाविद्यालय का मूल उद्देश्य है ।
वर्तमान में महाविद्यालय में कला एवं वाणिज्य संकाय के अंतर्गत B.A., B.Com एवम् B.Sc. (NM) की तीनों कक्षाएं हैं। महाविद्यालय में एक नए अति आधुनिक शिक्षा सदन का निर्माण कार्य सम्पन्न होने को है जिसके पूरा होने पर विद्यार्थी निश्चित तौर पर लाभान्वित होंगे।
उपमण्डल रतिया के नये बस अड्डे से चार किलोमीटर दूर खालसा त्रिशताब्दी राजकीय महाविद्यालय रतिया-सरदूलगढ राजमार्ग पर स्थित है । शहर के कोलाहाल से दूर खुले, स्वच्छ, नैसर्गिक वातावरण में स्थित महाविद्यालय भवन चारों ओर से हरियाले खेत-खलिहानों से घिरा हुआ है। ऐसा शान्त माहौल शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए अत्यन्त अनुकूल सिद्ध हुआ है । शिक्षा, खेलकूद, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रा में इस महाविद्यालय ने उपलब्धियों के नये कीर्तिमान कायम किये हैं । यह सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों व कर्मचारियों के सहयोग से ही सम्भव हो पाया है।
आशा है कि महाविद्यालय भविष्य में भी अपने सुयोग्य प्राचार्य के कुशल नेतृत्व में, विद्वान प्राध्यापकों के परिश्रम से और मेधावी छात्रा-छात्राओं की लगन और अनुशासनप्रियता से अपेक्षित प्रगति करेगा