डा0 रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान पूर्ण रूपेण एक उच्चस्तरीय अकादमीक संस्थान हेै जो आयुक्त, अनुसूचित जाति/जनजाति द्वारा राष्ट्रपति महोदय को दिये गये सुझाव पर विमर्षोंपरांत भारत सरकार द्वारा जनजातियों के कल्याणार्थ अनुसंधान एवं अभिलेखन, प्रषिक्षण एवं क्षमता विकास, सूचना प्रसार एवं जागरूकता उत्पन्न करने के साथ-साथ साक्ष्य आधारित नीति, आयोजनों एवं विधानों का समर्थन करने के अतिरिक्त जनजातीय कल्याण के लिये संचालित योजनाओं का मूल्यांकन कर सरकार को सुझाव देने तथा जनजातीय कल्याण के लिये अपने शोध एवं निष्कर्ष के आधार पर सरकार को परामर्षित करने के उद्देष्य से सर्वप्रथम चार राज्यों बिहार, बंगाल, उड़ीसा एवं मध्य प्रदेष में क्रमषः राँची, कोलकाता, भुवनेष्वर एवं छिन्दवाड़ा में खोलने संबंधी निर्णय के फलस्वरूप वर्ष 1953 में राँची में स्थापित किया गया।
इस प्रकार जैसा कि इसके स्थापना के उद्देष्य से ही स्पष्ट है कि संस्थान का मुख्य कार्य जनजातीय और गैर जनजातीय आबादी के बीच विकास के अन्तर को पाटकर उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के साथ उनकी संस्कृति, रीति-रिवाज, व्यवहार एवं भाषा की विषिष्टता को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने के लिये अनुसंधान, अभिलेखन, संगोष्ठी, कार्यषाला, प्रषिक्षण तथा क्षमता विस्तार हेतु सूचना का प्रसार एवं जागरूकता उत्पन्न करना है।