काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (का.हि.वि.वि.), देश के अति-प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है जिसकी स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीयजी द्वारा सन् १९१६ में की गयी थी। यह एक स्वायत्तशासी उत्कृष्ठ संस्था है जिसके वि़िजटर भारत के महामहिम राष्ट्रपतिजी हैं। यह एशिया का एकमात्र सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है। पं. मदन मोहन मालवीयजी, डॉ. एनी बेसेंट एवं डॉ. एस. राधाकृष्णन् जैसे मनीषियों की दूरदर्शिता का जीवन्त प्रतीक यह राष्ट्रीय संस्था प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान एवं आधुनिक वैज्ञानिक चिन्तन दृष्टि का एक अद्भुत संगम है। अपने ज्ञानदीप्त संस्थापक द्वारा पल्लवित-प्रतिपादित शिक्षा की समग्र और पवित्रतामूलक पद्धति को नूतन आयामों से जोड़कर यह विश्वविद्यालय युवा वर्ग का उन्नयन तथा उनकी सृजनात्मक प्रतिभा का संपोषण एवं सुविधाएँ प्रदान कर रहा है। यहाँ के यशस्वी कुलपतियों में महामना मालवीयजी, सर सुन्दर लाल, डॉ.एस. राधाकृष्णन् एवं आचार्य नरेन्द्र देव जैसे महापुरुष रहे, जिन्होंने इस महान विश्वविद्यालय का नेतृत्व किया। अपने प्रतिष्ठित विद्वानों के माध्यम से विशिष्ट क्षेत्रों में उच्चतम शिक्षा व ज्ञान के प्रसार में योगदान करने के साथ ही सामुदायिक मूल्यों का पुनस्र्थापन एवं सतत् प्रवाह का प्रमाण है कि यहाँ से ज्ञान प्राप्त विशिष्ट व्यक्तियों की एक लम्बी शृंखला सम्पूर्ण विश्व में विभिन्न व्यावसायिक संगठनों के प्रमुख पदों पर आसीन हैं। का.हि.वि.वि. ने अपने प्रभावशाली एवं परोपकारी अतीत के साथ ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरान्त राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।